Bachpan Nikal Gya गाना छोटू सिंह रावणा ने अपनी दर्द भरी आवाज़ में बहुत ही सुंदर गाया है इस गाने में छोटू सिंह रावणा ने बचपन से लेकर जवानी तक पूरा एक गाने के माध्यम से प्रसूत किया है जिसमे बचपन की यादें है और कब जवानी आ जाती है और सब पराये हो जाते है बहुत ही सुंदर भजन प्रस्तुत किया है
बचपन निकल गया लिरिक्स Bachpan Nikal Gya Lyrics
बचपन निकल गया ज़वानी चली गई
बचपन निकल गया ज़वानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
बचपन निकल गया ज़वानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
वो नाड़ी रो पानी वो खेजड़वा री छाया
ज्यूँ ज्यूँ उम्र बढ़ी सब रिश्ता वूआ पराया
वो नाड़ी रो पानी वो खेजड़वा री छाया
ज्यूँ ज्यूँ उम्र बढ़ी सब रिश्ता वूआ पराया
दादी नानी री वो कहानी चली गई
दादी नानी री वो कहानी चली गई
बचपन निकल गया ज़वानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
जिन हाथा री मार थी मीठी जिन आँचल रो छायो
पाल पोष कर बढ़ा किया वो अपनो फर्ज निभायो
पापाजी जग छोड्यो मा भी चली गई
पापाजी जग छोड्यो मा भी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
बचपन निकल गया ज़वानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई
जिंदगी री क़ीमती निचानी चली गई