प्रकाश माली के भजन
|| मरुधर में ज्योत जगाय गयो ||
मरुधर में ज्योत जगाय गयो
बाबो धोली ध्वजा फेहराय गयो
मारो सवारियों बनवारी
बण्यो पचरंग पेचाधारी
भक्ता रे कारण
अजमल घर अवतार लियो
कसुमल केसरिया
बागा रो सिंगार कियो ||
राजा अजमल पूण्य कमायो
थाने पुत्र रूप में पायो
मेणादे लाड लडायो
मायण बन दूध पिलायो
भादुडे री दूज ने आई गयो
चाँदनिया जू चमकाय गयो
बाई सुगना आरती गावे
भाटी हरजी चवर दुरावे
श्री लक्समी रूप मेतल
से ब्याव कियो
कसुमल केसरिया
बागा रो सिंगार कियो ||
बाबो हिंदुआ पीर कहायो
रूणिचा नगर बसायो
कोई ऊचो नाही नीचो
सब भेद भाव ने मिटायो
धोरा धरती में आई गयो
तन्दुरा रा तान बजाई गयो
कसुमल केसरिया
बागा रो सिंगार कियो ||
बिछड़ियोडा मीत मिलावे
बाबो मन री आस पुरावे
भक्ता री लाज बचावे
जो ध्यावे पर्चो पावे
हरजी भाटी गुण गाई गयो
गोपालो शरणे आई गयो
बाबो तुर्रा किलंगी धारी
जारी लीले री असवारी
शरणे आयोडा भक्ता
रो उद्धार कियो
कसुमल केसरिया
बागा रो सिंगार कियो ||
मरुधर में ज्योत जगाय गयो
बाबो धोली ध्वजा फेहराय गयो
मारो सवारियों बनवारी
बण्यो पचरंग पेचाधारी
भक्ता रे कारण अजमल
घर अवतार लियो
कसुमल केसरिया
बागा रो सिंगार कियो ||